फूलो के सरताज को गुलाब कहते है , चांदनी को जिस से प्यार है उसे
माहताब कहते है, जो किसे के चेहरे पर ख़ुशी लाय उस नाचीज़ को
अहसास कहते है (अहसास )
हम वो है जो रोते को हँसा दे , पत्थर दिल को पिघाला दे , परायों
को अपना बना दे यही है अहसास का अहसास
...{{अहसास }}
माहताब कहते है, जो किसे के चेहरे पर ख़ुशी लाय उस नाचीज़ को
अहसास कहते है (अहसास )
हम वो है जो रोते को हँसा दे , पत्थर दिल को पिघाला दे , परायों
को अपना बना दे यही है अहसास का अहसास
...{{अहसास }}
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