फिर झटका है भीगी ज़ुल्फों को उसने...
आज फिर सारा शहर गीला गीला हो गया..
एहसास...
बड़ा विचित्र है भारतीय नारी का प्रेम,
वह विदेशियों की तरह
चौबीसों घंटे नहीं करती....
आई लव यू -आई लव यू का उदघोष
बल्कि
गूँथ कर खिला देती हैं प्रेम
आटे की लोइयों में,
कभी कपड़ों में
नील की तरह छिड़क देती है प्यार
कभी खाने की मेज़ पर इंतज़ार करते हुए
स्नेह के दो बूँद आँखों से निकाल कर
परोस देती है खाली कटोरियों में,
कभी बुखार में
गीली पट्टियां बन कर
बिछ जाती है माथे पर
जानती है वो.....
कि मात्र क्षणिक उन्माद नहीं है प्रेम,
जो ज्वार की तरह चढ़े और भाटे के तरह उतर जाये...
जो पीछे छोड़ जाये रेत ही रेत,
और मरी हुई मछलियाँ,
हाँ उसका प्रेम
ठहरा है, फैला है..... अपनों के जीवन में
गंगा जमुना के दोआब-सा
जहाँ लहराती हैं.....
संस्कृति की फसलें. ❤️एहसास...❤️
काश तू समझ सकती मुहब्बत के उसूलों को,,,
किसी की सांसों में समाकर उसे तनहा नहीं करते...एहसास...
सुनो ना,
तुम लौट आओ ना
please 🙏🏻
सुना है खुद से बात करने वाले लोग
पागल हो जाया करते है .....एहसास...
कहीं हो कर भी नहीं हूं,कहीं नहीं हो कर भी हूं,,,
बड़ी कश्मकश में मैं हूं, कहाँ हूं, कहाँ नहीं हूं...एहसास
*_आपकी तस्वीर..आपकी यादे आपके ख्वाब..आपकी बातें,_*_हम तो अपने ही मकान में,किरायेदार से है...!_*💘एहसास...
कौन सी शाख पर कब बैठ जाए क्या पता
ये इश्क़ का पंछी है जनाब लिहाज ए उम्र फितरत नहीं इसकी..एहसास..
💕💕 💕💕
*_💞💞💞तुझ से दूर रहकर..... मोहब्बत बढ़ती जा रही हैं......_*
*_क्या कहूँ..... कैसे कहूँ..... ये दुरी तुझे मेरेऔर करीब ला रही हैं ......_*एहसास...💞💞💞
Saturday, February 29, 2020
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