ग़र ये नहीं, तो फिर क्या होगी #मोहब्बत कहो,
वो काम के बीच मेरा #फ़ोन उठाना जानती है!
मौजूदगी में ही, #माहौल बनाना जानती है,
अपनी बाते भी झट से मनवाना जानती है!
जाहीर है मुझे उसकी #आँखों की चमक से,
के मुसीबत में भी वो #मुस्कुराना जानती है!
जान लेती है महज आवाज से परेशानी मेरी,
वो #लड़की मुझे #गले से लगाना जानती है!
सिर्फ उसे ही आता है यहाँ ये #जादूगरी करना,
उदासी जैसी भी हो वो मुझे #हँसाना जानती है!
उसके सामने चलता नहीं कभी कोई भी #बहाना,
वो मेरी #आँखे पढ़ लेती है, हर बहाना जानती है!
ग़र ये नहीं, तो फिर क्या होगी #मोहब्बत कहो,
वो काम के बीच मेरा #फ़ोन उठाना जानती है!! एहसास..💕
Dedicated to ......My all fans💕
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