Tuesday, April 6, 2010

जिस्म सन्दल

जिस्म सन्दल, मिज़ाज फूलों का रात देखा है,
ताज फूलों काउसकी खुश्बू ,
उसी की यादें हैं मेरे घर में है,
राज फूलों काहुस्न के,
नाज़ भी उठाता है इश्क़ को,
इहतियाज फूलों का

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